जामुन खाने के 15 फायदे – Jaamun Fruit Benefits & Gharelu Nuskhe
Jamun Khane Ke Benefits Fayde in hindi
आयुर्वेद चिकित्सा में तरह-तरह के रोग, विकारों को ख़त्म करने के लिए जामुन के पत्ते, छाल, फलों का सेवन किया जाता है। मधुमेह रोग में जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर सेवन किया जाता है। पाचन संबधित विकार और यकृत, जिगर के रोगों के लिए जामुन बहुत गुणकारी औषधी है(Gharelu Upchaar)
मधुमेह रोगियों के लिये
जामुन की गुठलीयां 25 ग्राम मात्रा में लेकर उसमें 2 ग्राम अफीम किसी खरल में घोटकर छोटी-छोटी गोलीया बना लें, रोजाना एक-एक गोली पानी के साथ खा लें, इससे मधुमेह रोगीयों को बहुत लाभ होता है। jamun khane ke achuk fayde or labh hindi me janiye.
जामुन की गुठली और करेले को छांया में सुखाकर कुट पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को पांच ग्राम मात्रा में जल के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग में बहुत लाभ होता है।
मसूढ़ों के लिये
जामुन के कोमल पत्तों को पानी में उबालकर छानंकर उस जल से कुल्ले करने पर मसुढों की सुजन और रक्त निकलने की विकृति नष्ट होती है।
जामुन के सुखे पतों की भस्म बनाकर मंजन की तरह दांतों पर मलने से दांत मजबूत और मसुढों की विकृती नष्ट होती है।
पेचिश रोग को नष्ट करता हैं
जामुन और आम की गुठलीयों का भीतरी भाग गिरी को कुट पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। जामुन और आम की गुठली की गिरी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाना चाहिए। 5 ग्राम चूर्ण तक्र मठे के साथ दिन में तीन बार उबालकर ठंडा किये जल के साथ सेवन करने से प्रवाहिका पेचिश रोग नष्ट होता है।
पथरी रोग में सहायक
जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर दहीं, या तक्र मठे के साथ सेवन करने से पथरी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। जामुन खाने से भी पथरी खत्म होती है।
शीघ्रपतन और वीर्य को मजबूत बनाता हैं
Jamun benefits for men – जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर रोजाना 5 ग्राम चूर्ण हल्के गर्म दूध के साथ खाने से वीर्य अधिक गाढा होता है। इसके सेवन से शीघ्रपतन की विकृति में भी लाभ होता है। in hindi me
प्रदर रोग के लिये
जामुन के पेड़ की छाल को पानी में उबाल कर काढा बनाकर उसमें मधु मिलाकर सुबह-शाम पीने से प्रदर रोग में बहुत लाभ होता है।
अतिसार दस्त और गर्भवस्था
जामुन और आम के वृक्ष की छाल बराबर मात्रा में लेकर जल में उबालकर काढा बनाकर, छांनकर उसमें धनिये और जीरे का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से अतिसार दस्त की विकृति खत्म हो जाती है। गर्भावस्था में इसका सेवन कराने से बहुत अच्छे परिणाम मिलते है।
अतिसार दस्त में रक्त निकलने की विकृति होने पर जामुन की गुठली का चूर्ण 5 ग्राम मात्रा में दिन मे कई बार तक्र मठे के साथ सेवन करने से रक्तस्त्राव जल्द ही बंद हो जाता है।
मरोड़ देकर आने वाले दस्त
जामुन की भितरी छाल का काढ़ा बनाकर पीलाने से एठन मरोढ की विकृति और अतिसार दस्त में बहुत लाभ होता है।
मधुमेह रोग
जामुन की गुठली की गिरी जीरा अनार के बीज, दारूहल्दी, लोघ्र, पीपल, काली मिर्च, करंज, बाइविंिडग, खस और सोंठ को बराबर मात्रा में लेकर कुट पीसकर चूर्ण बनाकर रोजाना सुबह-शाम तीन-तीन ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से मुध रोग में बहुत लाभ होता है।
अफीम का नशा
Jamun se hone wale health benefits – पानी में एक तोले जामुन के कोमल पत्तों को पीसकर पीलाने से अफीम का नाश नष्ट हो जाता है।
बच्चों के अतिसार दस्त
छोटे बच्चों को अतिसार होने पर जामुन की ताजी छाल का रस बकरी के दूध में उबालकर ठंडा किये दूध में मिलाकर पीलाने पर बहुत लाभ होता है।
कानदर्द के लिये
Jamun ke ayurvedic gun or labh – जामिन की गुठली की गिरी का तेल बून्द-बुंद सुबह-शाम कांन में डालने से कर्णस्त्राव और कर्णषुल की विकृति नष्ट होती है। कानदर्द ठीक हो जाता हैं.
बच्चों के लिये
बच्चों का बिस्तर पर मूत्र करने संबधि बीमारी में जामुन की गुठली का चूुर्ण बनाकर तीन ग्राम मात्रा में जल के साथ सेवन कराने से बहुत लाभ होता है।
मुंह की बाद दूर करता हैं
जामुन के पत्ते चबाकर रस चुसने से मूंह की दुर्गध नष्ट होती है।
जामुन खाने के फायदे (अर्श रोग)
अर्श रोग में रक्तस्त्राव होने पर जामुन सेंधा नमक मिलाकर खाने से बहुत लाभ होता है। रोगी को खाली पेट जामुन ,खाने चाहिए, जामुन खाने से मूंह के छाले भी खत्म होते है।
मधुर आवाज़
जामुन की गुठली को सुखाकर बनाया गया चूर्ण मधु मिलाकर चाटकर खाने से आवाज का भारीपन नष्ट होता है। आवाज सुरीली होती है।
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